लेखनी कहानी -27-Mar-2022 सवैया : तेरे इन नैनन में
सवैया : तेरे इन नैनन में
यह सवैया आज से लगभग 30 वर्ष पूर्व लिखा गया था । आज मैं अपने पुराने कागज ढूंढ रहा था तो एक कागज पर यह लिखा हुआ मिला । मुझे बड़ा अच्छा लगा कि 30 साल पहले भी कभी कभी मैं कुछ लिख लेता था । यह सवैया आप सबके लिए यहां प्रस्तुत है ।
सवैया
तेरे इन नैनन में अटक्यो है दिल मेरो
खटक्यो है मदभरी अंखियन को कजरा
डूब गयो सरस, सुगंधित, सुवास बिच
खुल गयो जब तेरे गेसुअन को गजरा
चटक्यो चटाचट चट्ट कड़क्यो कालजो
रसीली रसीले लब खुले जब जरा जरा
कौन बिधि कहूँ कैसी गति भई "हरि" की
कामिनी सरक गयो जब तेरो अंचरा
हरिशंकर गोयल "हरि"
27.3.22
Swati chourasia
28-Mar-2022 06:57 PM
बहुत ही सुंदर रचना
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Hari Shanker Goyal "Hari"
28-Mar-2022 08:15 PM
💐💐🙏🙏
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Gunjan Kamal
28-Mar-2022 12:53 AM
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌🙏🏻
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Hari Shanker Goyal "Hari"
28-Mar-2022 05:35 AM
💐💐🙏🙏
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Sachin dev
27-Mar-2022 07:19 PM
बहुत ही बेहतरीन
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Hari Shanker Goyal "Hari"
28-Mar-2022 05:35 AM
💐💐🙏🙏
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